मेरे पापा का नाम बदरुद्दीन है। बचपन मे पापा को बदुआ पुकारते थे। मेरे पापा का जन्म ग़ाज़ीपुर के कुस्मी नामक गांव में हुआ था।
मेरे पापा के दादा गांव के ज़मीदार थे गांव के सभी लोग उनको का़ज़ी जी पुकारते थे। पापा की दादी पापा को मक्खन से मालिश किया करती थीं। बचपन में पापा काफ़ी शरारती थे। वो इतने नटखट थे जितने कृष्ण भगवान अपनी बाल अवस्था में थे। कभी किसी पेड़ पर चढ़ जाना कभी तालाब में कूद कूद कर नहाना. अपने मित्रों को परेशान करना कभी उन को हरी मिर्च खिला देना कभी रात के अन्धेरे में डरा देना
Saturday 15 December 2007
Monday 26 November 2007
Friday 2 November 2007
मेरे पापा
मेरे पापा दुनिया के सभी पापाओ से बेह्तर है
Subscribe to:
Posts (Atom)